Accountant Kya Hota Hai – विस्तृत जानकारी हिंदी में
Accountant Kya Hota Hai – के इस Post में Accountant के बारे में पूरी जानकारी विस्तार पूर्वक बताई गई है यदि आप इस आर्टिकल में आये है तो एकाउंटिंग के क्षेत्र में आपको रूचि है तथा पूर्ण रूप से जानकारी प्राप्त करना चाहते है जिसका ध्यान रखते हुए पूरा वर्णन Hindi में करने जा रहे है | हम आशा करते है की इस आर्टिकल से आपको ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त हो सके |
आज के समय में Accounting का काफी बोल बाला है यदि व्यक्ति में Accounting के बारे में अच्छा ज्ञान है तो वह Business को काफी बढ़ा सकता है | एसे तो बहुत से व्यक्तियों को Accounting Kya Hota Hai , Accountant Kya Hota Hai , Accountant Kaise Bana Jata Hai , Accounting के क्षेत्र में क्या Career है | आदि अनेको प्रश्न उनके मन में उठते है जिसका Solution इस पोस्ट में देने जा रहे है |
आज हम एकाउंटिंग तथा अकाउंटेंट के बारे में विस्तार से बताएँगे जिससे आप अच्छे से समझ सके तथा विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सके |
दुनिया का हर व्यक्ति को Accounting का ज्ञान होना चाहिए घर चलाने के लिए भी एकाउंटिंग के आवश्कता होती है आप कहेंगे घर चलाने के लिए एकाउंटिंग | तो नीचे विस्तार से समझाते है इसलिए आर्टिकल को शुरू से अंत तक ध्यान पूर्वक पढ़े आपके सारे प्रश्नो के उतर मिल जाएंगे |
What is Accountant – अकाउंटेंट क्या होता है
Accountant को हिंदी में लेखापाल, लेखाकार या मुनीम कहा जाता है | विश्व में जितने भी वित्तीय ( Financial ) सम्बन्धी लेनदेन होते है चाहे वह बड़ी कंपनी हो या छोटी कंपनी या बड़ा व्यवसाय करता हो या छोटा या सरकारी संघठन ( Govt. Oragnisation ) हो या प्राइवेट सभी को वित्तीय सम्बन्धी लेखा जोखा करने की आवश्यकता होती है | इनके वित्तीय सम्बन्धी जितने भी कार्य होते है | उन सभी कार्यो का जो व्यक्ति लेखा-जोखा रखता है उसे ही लेखाकार, लेखपाल या Accountant कहा जाता है | और समझने के लिए विस्तार से नीचे Point -Wise वर्णन कर रहे है |
Characteristics of Accountant – लेखाकार या लेखपाल की विशेषता क्या होती है
1 . व्यापारिक लेन-देन को सही और उचित तरीके से Systematic Way में लिखने का कला – व्यापार में प्रतिदिन अनेको लेन देन होते है जिसका याद रखना संभव नहीं है और न ही आप जैसे तैसे लेन देन को बही खाता में लिख सकते है | सही और क़ानूनी वे way में लिखने का ज्ञान एक लेखपाल (Accountant ) के पास ही होता है | नहीं तो जालसाजी की संभावना बढ़ जाती है |
2 . बजट बनाना और उसकी समीक्षा करना – व्यापार को वित्तीय वर्ष में कितने आय और व्यय हुए उसकी समीक्षा करता है व्यापार घट रहा है या बढ़ रहा है उसके बाद बजट तैयार किया जाता है आगामी वर्ष के आय व्यय के योजनाओं लिए तभी Business को आगे बढ़ाया जा सकता है इसकी जिम्मेवारी एक accountant की ही होती है |
3 . व्यापार के लिए सरकार का अलग अलग टैक्स को तैयार करना और भरना – व्यापार के लिए कौन कौन से टैक्स लगते है उनको तैयार करना और भरने की जिमेवारी एक अकाउंटेंट की ही होती है |
4 . वर्ष भर का फाइनेंसियल रिपोर्ट तैयार करना और बनाना – Financial Report मुख्य रूप से प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट, बैलेंस शीट स्टेटमेंट, कॅश फ्लो स्टेटमेंट आदि बनाना और तैयार करना जिससे आर्थिक व्यापार में उतार चढ़ाव की सही जानकारी प्राप्त करने की जिम्मेवारी एक अच्छे Accountant की ही होती है |
5 . बैंकिंग ट्रांसक्शन का मिलान करना – प्रतिदिन जितने भी चेक और कॅश दिए और लिए जाते है उसके बैंकिंग ट्रांसक्शन को मिलान की जिम्मेवारी भी Accountant की ही होती है | जिससे किसी भी फ्रॉड से बचा जा सकता है |
6 . व्यापार के लिए अलग अलग बही खातों को तैयार करना – बही खातों को सही तरीके से तैयार करने से Tax निर्धारण में काफी सुविधा मिलती है यदि व्यापार में किसी तरह के टैक्स अधिकारी आते है तो आप साबुत के तौर पर दिखा सकते है न्यायलय में भी साबुत के तौर पर मान्य होते है | अलग अलग बही खातों को सही तरीके से लिखने की जिम्मेवारी भी एक अकाउंटेंट का ही होता है |
7 . न्यायालय में साबुत के तौर पर सही तरीके से बही खाते को लिखने की कला – Trained Accountant के द्वारा तैयार खाता बही जो उचित तरीके से लिखे हो न्यायालय में मान्य होते है | यदि भविष्य में कोई भी संघठन दिवालिया घोषित करवाना चाहता है या दिवालिया घोषित हो जाता है तो यही बही खाता काम आती है | यदि बही खाता सही तरीके से लिखी न हो तो न्यायालय को संदेह पैदा हो सकती है |
8 . सभी खाता बहियों को साधारणतः वर्ष में एक बार ऑडिट करना – जितने भी खाता बही बनाई गई है वह सही बनाई गई है या नहीं उसकी जाँच पड़ताल करना समीक्षा करना जिससे पता चल सके की खाता बही में एंट्री के समय किसी तरह का धोखाधड़ी वाली गतिविधियाँ तो नहीं की गई है इसलिए समय समय पर सभी खाता बहियों को ऑडिट किया जाता है जो Trained Accountant के द्वारा ही किया जाता है |
9 . व्यवसाय से सम्बन्धित प्रबंधकीय सलाह – व्यवसाय में जितने भी हलचल होते है उसका लेखा जोखा एक अकाउंटेंट ही रखता है जिससे व्यवसाय के बारे में काफी experience हो जाता है | और यह experience व्यवसाय को बढ़ाने में काफी मददगार साबित होता है | प्रॉफिट के अनुसार गुणवक्ता के देखते हुए लागत में वृद्धि या कटौती की सिफारिश करना, लाभ बढ़ाने के अलग अलग तरीको की सिफारिश करना | व्यवसाय को उंचाईओं तक कैसे ले जाया उसके तरीको को सिफारिश करना |
10 . सभी तरह के खर्चो पर नियंत्रण रखना – व्यवसाय से सम्बंधित जितने भी एक्सपेंसेस के बिल होते है उसको अच्छी तरह से समीक्षा की जिम्मेवारी एक Accountant की ही होती है |
11 . व्यवसाय में उत्पन्न विवादों को मध्यस्था कर निपटारा करना – उत्पन्न विवादों को निपटारा करने में काफी हद तक सहयोग एक लेखापाल करता है | व्यवसाय में छोटी सी छोटी हलचल एक अकाउंटेंट से होकर ही गुजरती है जिससे विवादों को निपटाने में मदद मिलती है |
12. कर्मचारियों के वेतन से सम्बंधित कार्यों के देखना – कर्मचारियों को वेतन सही समय पर मिले इसके लिए अटेंडेंस शीट से लेकर पेमेंट रिलीज़ तक के कार्यों की समीक्षा एक accountant ही करता है | पेमेंट में गड़बड़ी होने पर उसके जाँच कर निपटारा करना भी एक लेखाकार का ही काम होता है |
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Conclusion – निष्कर्ष
अब आप समझ गए होंगे ( Accountant Kya Hota hai ) लेखपाल क्या होता ( What is Accountant in Hindi ) है मैंने लेखपाल ( Accountant ) के कार्यों को भी point wise बताने की कोशिश किया हूँ | आगे के पोस्ट में मैं आपको Accounting Kya Hota Hai के बारे में बताऊंगा | आपको What is accountant Hindi और What is accounting Hindi दोनों पोस्ट प्रस्तुत कर रहा हूँ जिससे आपको अच्छी तरह से समझ में आ जाये | यदि किसी तरह का सुझाव हो तो comments जरूर करे |
हम आशा करते है कि आपको यह Article Accountant Kya Hota Hai जरूर पसंद आया होगा | आगे के संस्करण में हम आपको और deeply से समझने की कोशिश करेंगे धन्यवाद !